किसानों की बल्ले-बल्ले! PM धन-धान्य योजना से मिलेगी नई तकनीक और मोटी कमाई!
भारत के किसानों के लिए एक नई सुबह की शुरुआत होने वाली है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत केंद्र सरकार ने देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का ऐलान किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में इस योजना का धमाकेदार अपडेट साझा किया, जिसमें नई तकनीकों, वित्तीय सहायता और किसानों की आय बढ़ाने की योजनाओं का जिक्र है। यह योजना 1.7 करोड़ किसानों के लिए मोटी कमाई का रास्ता खोलेगी और खेती को आधुनिक बनाएगी। आइए जानते हैं, इस योजना में क्या है खास और यह किसानों के लिए कैसे बनेगी वरदान।
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PM धन-धान्य कृषि योजना: एक नजर
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य उन 100 जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है, जहां फसल उत्पादन कम है और संसाधनों की कमी है। इस योजना के लिए सरकार ने 24,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट आवंटित किया है, जो 2025-26 से शुरू होकर अगले 6 वर्षों तक चलेगा। यह योजना 36 मौजूदा योजनाओं को एक छतरी के नीचे लाकर लागू की जाएगी, जिसमें छोटे और सीमांत किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि यह योजना अक्टूबर 2025 से रबी सीजन के साथ शुरू होगी। जुलाई 2025 के अंत तक उन 100 जिलों की पहचान कर ली जाएगी, जहां यह योजना लागू होगी। प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला चुना जाएगा, ताकि इसका लाभ देश के हर कोने तक पहुंचे।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
यह योजना न केवल खेती को आधुनिक बनाएगी, बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य को भी समर्थन देगी। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- नई तकनीक का उपयोग: ड्रोन, सेंसर-आधारित खेती, और ड्रिप-स्प्रिंकलर जैसी जल-कुशल तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- फसल विविधीकरण: एक ही फसल पर निर्भरता कम करने के लिए किसानों को विभिन्न फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- वित्तीय सहायता: किसानों को ट्रैक्टर, पंप सेट और उच्च गुणवत्ता वाले बीज खरीदने के लिए सब्सिडी और सस्ते ऋण मिलेंगे।
- भंडारण सुविधाएं: पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण सुविधाओं का विकास होगा, जिससे फसल खराब होने से बचेगी।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: ग्रामीण युवाओं और महिला किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
इस योजना का लक्ष्य 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाना है, खास तौर पर छोटे और सीमांत किसानों को। इसके तहत निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- आर्थिक सशक्तिकरण: किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाएगी, जिससे उन्हें आसानी से ऋण मिलेगा।
- उत्पादकता में वृद्धि: आधुनिक तकनीकों और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उपयोग से फसल उत्पादन में 20-30% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
- पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान में कमी: भंडारण और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के विकास से फसल खराब होने की समस्या कम होगी, जिससे किसानों को बेहतर कीमत मिलेगी।
- महिलाओं और युवाओं की भागीदारी: ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे कृषि क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
योजना का कार्यान्वयन और निगरानी
योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने मजबूत तंत्र बनाया है:
- जिला धन-धान्य समिति: प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनेगी, जिसमें प्रगतिशील किसान और अन्य हितधारक शामिल होंगे।
- डिजिटल डैशबोर्ड: नीति आयोग द्वारा 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPIs) के आधार पर एक डिजिटल डैशबोर्ड बनाया जाएगा, जो प्रगति को ट्रैक करेगा।
- राष्ट्रीय और राज्य स्तर की समितियां: योजना के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर समितियां बनेंगी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। यह योजना न केवल उत्पादकता बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी और शहरी पलायन को कम करेगी। कृषि मंत्री चौहान ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में खाद्यान्न, फल और सब्जियों का उत्पादन 40% से अधिक बढ़ा है, लेकिन कुछ जिलों में उत्पादकता में अंतर को पाटने के लिए यह योजना क्रांतिकारी साबित होगी।”
चुनौतियां और समाधान
योजना के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे सही जिलों का चयन, दूरदराज के किसानों तक लाभ पहुंचाना, और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव। इनसे निपटने के लिए सरकार ने डिजिटल निगरानी, स्थानीय भागीदारी, और जलवायु-अनुकूल तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह नई तकनीकों, वित्तीय सहायता और बेहतर भंडारण सुविधाओं के जरिए खेती को आधुनिक बनाएगी और किसानों की आय बढ़ाएगी। अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाली इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों की जिंदगी बदलने की उम्मीद है। तो, तैयार हो जाइए इस क्रांति का हिस्सा बनने के लिए! अपने सवाल और विचार हमारे साथ साझा करें।
संदर्भ:
- agriwelfare.gov.in
- farmer.gov.in
- myscheme.gov.in
- pib.gov.in