केंद्र सरकार10 लाख लोगों को फ्री AI ट्रेनिंग दे रही है ! मंत्री वैष्णव का बड़ा ऐलान, जानें कैसे मिलेगा मौका!

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) आज के युग की सबसे क्रांतिकारी तकनीक है, और भारत सरकार ने इसे हर नागरिक तक पहुंचाने का एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में ऐलान किया कि देश के 10 लाख नागरिकों को मुफ्त AI प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें ग्राम स्तरीय उद्यमियों (VLEs) को प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन और सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। आइए, इस योजना के हर पहलू को समझते हैं और जानते हैं कि यह आपके लिए कैसे सुनहरा अवसर बन सकता है।

मुफ्त AI प्रशिक्षण: योजना का परिचय

केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत AI को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक ले जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। सीएससी डिवास 2025 के अवसर पर मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि 10 लाख नागरिकों को मुफ्त AI प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस योजना का विशेष फोकस ग्राम स्तरीय उद्यमियों (VLEs) पर है, जो सीएससी केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण भारत में डिजिटल सेवाएं प्रदान करते हैं।

इस पहल के तहत, सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 5.5 लाख सीएससी उद्यमियों को AI में प्रशिक्षित करना है, जिससे वे न केवल स्वयं सशक्त बनें, बल्कि अपने समुदायों को भी डिजिटल और तकनीकी रूप से मजबूत करें। यह प्रशिक्षण डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, और AI टूल्स के उपयोग जैसे क्षेत्रों को कवर करेगा। स्टेटिस्टा की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में AI बाजार 2025 तक 19 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, और यह योजना भारत को AI का वैश्विक हब बनाने में मदद करेगी।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

इस मुफ्त AI प्रशिक्षण योजना में कई खास विशेषताएं हैं, जो इसे हर नागरिक के लिए आकर्षक बनाती हैं:

  • मुफ्त प्रशिक्षण: 10 लाख नागरिकों को बिना किसी शुल्क के AI प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • VLEs को प्राथमिकता: सीएससी केंद्र चलाने वाले 5.5 लाख ग्राम स्तरीय उद्यमियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • डिजिटल इंडिया मिशन: यह योजना डिजिटल इंडिया के तहत ग्रामीण भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का हिस्सा है।
  • IRCTC और अन्य सेवाएं: प्रशिक्षण में AI के साथ-साथ IRCTC टिकटिंग और अन्य डिजिटल सेवाओं का प्रशिक्षण भी शामिल होगा।
  • ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड: प्रशिक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में उपलब्ध होगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच सुनिश्चित हो।

कौन ले सकता है लाभ?

इस योजना का लाभ निम्नलिखित समूहों को मिलेगा:

  • ग्राम स्तरीय उद्यमी (VLEs): सीएससी केंद्र चलाने वाले उद्यमी, जो ग्रामीण भारत में डिजिटल सेवाएं प्रदान करते हैं।
  • सामान्य नागरिक: 10 लाख नागरिकों में युवा, महिलाएं, और अन्य इच्छुक लोग शामिल होंगे, जो AI में करियर बनाना चाहते हैं।
  • ग्रामीण और शहरी युवा: विशेष रूप से बिहार जैसे राज्यों के युवा, जहां डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने की जरूरत है।

योजना का कार्यान्वयन

इस योजना को लागू करने के लिए सरकार ने एक मजबूत तंत्र बनाया है:

  • सीएससी नेटवर्क: देश भर में फैले 5.5 लाख सीएससी केंद्र इस प्रशिक्षण के लिए मुख्य केंद्र होंगे।
  • ब्रेडा और अन्य एजेंसियां: बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) जैसे संगठन तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: डिजिटल इंडिया पोर्टल और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध होगी।
  • जागरूकता अभियान: पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।

AI प्रशिक्षण के लाभ

यह योजना भारत के नागरिकों और अर्थव्यवस्था के लिए कई लाभ लाएगी:

  • रोजगार सृजन: AI में प्रशिक्षित लोग डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में नौकरियां पा सकेंगे। लिंक्डइन की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में AI-संबंधित नौकरियों की मांग में 32% की वृद्धि हुई है।
  • ग्रामीण सशक्तिकरण: बिहार जैसे राज्यों में, जहां PM धन-धान्य कृषि योजना और सौर ऊर्जा योजनाएं पहले से क्रांति ला रही हैं, AI प्रशिक्षण ग्रामीण युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में लाएगा।
  • आर्थिक विकास: AI प्रशिक्षण से भारत वैश्विक AI बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
  • डिजिटल साक्षरता: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी, जिससे लोग डिजिटल सेवाओं का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।

चुनौतियां और समाधान

योजना के सामने कुछ चुनौतियां हैं, जैसे:

  • जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में AI और इसके लाभों के बारे में जानकारी का अभाव।
  • बुनियादी ढांचा: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और बिजली की कमी।
  • प्रशिक्षण की गुणवत्ता: सभी प्रशिक्षकों का समान स्तर सुनिश्चित करना।

इनसे निपटने के लिए सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  • जागरूकता अभियान: सीएससी केंद्रों और पंचायतों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी।
  • ऑफलाइन प्रशिक्षण: इंटरनेट की कमी वाले क्षेत्रों में ऑफलाइन प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे।
  • गुणवत्ता नियंत्रण: प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी समितियां बनाई जाएंगी।

निष्कर्ष

10 लाख नागरिकों को मुफ्त AI प्रशिक्षण की यह योजना भारत को डिजिटल और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह ऐलान न केवल ग्राम स्तरीय उद्यमियों, बल्कि हर उस नागरिक के लिए सुनहरा अवसर है, जो AI क्रांति का हिस्सा बनना चाहता है। बिहार जैसे राज्यों में, जहां सौर ऊर्जा और कृषि योजनाएं पहले से बदलाव ला रही हैं, यह योजना युवाओं और उद्यमियों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने नजदीकी सीएससी केंद्र से संपर्क करें और डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनें!


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