जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: स्वास्थ्य या सियासी दबाव? चौंकाने वाला सच सामने!

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21 जुलाई 2025 को भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसने देश की सियासत में तूफान ला दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का हवाला दिया, लेकिन इसकी टाइमिंग और परिस्थितियों ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह वाकई स्वास्थ्य संबंधी निर्णय था, या इसके पीछे कोई सियासी दबाव काम कर रहा था? आइए, इस घटनाक्रम को गहराई से समझें, समाचारों और X पर लोगों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर।

इस्तीफे की पृष्ठभूमि: क्या हुआ उस दिन?

जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, और उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। लेकिन संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, 21 जुलाई 2025 को, उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।”

धनखड़ ने इस साल मार्च में दिल्ली के एम्स में हृदय संबंधी समस्याओं के लिए एंजियोप्लास्टी करवाई थी और कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। उनके इस्तीफे में उल्लेखित स्वास्थ्य कारणों में हाई ब्लड प्रेशर, थकावट, और कार्डियक स्ट्रेस जैसी समस्याएं शामिल थीं। लेकिन जिस तरह से वह सत्र के पहले दिन संसद में सक्रिय थे, विपक्षी सांसदों से मिले, और कोई स्वास्थ्य संबंधी शिकायत नहीं जताई, उसने संदेह को जन्म दिया।

सियासी तूफान: विपक्ष की प्रतिक्रियाएं और अटकलें

धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था, और वह जस्टिस वर्मा के खिलाफ विपक्षी सांसदों के महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करने की प्रक्रिया में थे। यह टाइमिंग कई नेताओं और विश्लेषकों को संदिग्ध लगी। कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने इसे “सरकार के दबाव में लिया गया फैसला” करार दिया, यह दावा करते हुए कि “यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ठीक नहीं है।”

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा, “मैं आज शाम 5 बजे तक उनके साथ था… उनका यह पूरी तरह अप्रत्याशित इस्तीफा बताता है कि मामला सिर्फ स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि धनखड़ न्यायपालिका से जुड़े कुछ बड़े ऐलान करने वाले थे। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सवाल उठाया, “वे पूरे दिन संसद में थे। सिर्फ एक घंटे में ऐसा क्या हो गया कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा?”

वहीं, RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने X पर पोस्ट किया कि यह इस्तीफा “किसी दबाव में” लिया गया लगता है, और उन्होंने BJP पर विशेषाधिकारों को चुनौती देने का आरोप लगाया। तेजस्वी यादव ने इसे और सनसनीखेज बनाते हुए X पर लिखा, “क्या यह इस्तीफा संसद में ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में SIR प्रक्रिया से बहस को टालने का प्रयास है? क्या BJP नीतीश कुमार को अगले उपराष्ट्रपति के रूप में आगे करने जा रही है?”

X पर जनता और विश्लेषकों की राय

X पर इस मुद्दे ने जोरदार चर्चा छेड़ दी। कुछ यूजर्स ने इसे सियासी साजिश माना, जबकि अन्य ने धनखड़ के स्वास्थ्य की चिंता जताई। @shekharcanada ने लिखा, “जगदीप धनखड़ बड़े राजनैतिक खिलाड़ी हैं… इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों की बजाय राजनैतिक महत्वकांक्षा लग रही है।” @anupamnawada ने टिप्पणी की कि PM मोदी, अमित शाह, और JP नड्डा की ओर से इस्तीफे के 12 घंटे बाद भी कोई प्रतिक्रिया न आना असामान्य है, यह संकेत देता है कि “यह इस्तीफा सामान्य परिस्थितियों में नहीं हुआ।”

वहीं, राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष ने आज तक को बताया, “मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि धनखड़ का यह इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुआ। उनके साथ पिछले दिनों कुछ ऐसा हुआ था जिसके चलते वो काफी आहत थे।” पूर्व सांसद पप्पू यादव ने इसे “बहुत बड़ा गेम” करार देते हुए किसी गहरे राजनीतिक षड्यंत्र की ओर इशारा किया।

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धनखड़ का सियासी सफर और विवाद

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर तीन दशकों से अधिक का रहा है। राजस्थान के झुंझुनू में 18 मई 1951 को एक जाट परिवार में जन्मे धनखड़ ने वकालत से करियर शुरू किया और राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट बने। 1989 में जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से लोकसभा सांसद चुने गए और चंद्रशेखर सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री रहे। 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद वे ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के साथ कई बार टकराव में रहे।

उपराष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल में भी विपक्ष के साथ तनाव रहा। पिछले साल दिसंबर में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। उनकी टिप्पणियां, खासकर न्यायपालिका और संसद के अधिकारों पर, अक्सर चर्चा में रहीं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये तनाव उनके इस्तीफे की पृष्ठभूमि में हो सकते हैं।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य कारण?

धनखड़ के स्वास्थ्य को लेकर कुछ ठोस जानकारी सामने आई है। न्यूज़18 के अनुसार, मार्च 2025 में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी, और उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियक स्ट्रेस की समस्याएं थीं। कपिल सिब्बल ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा, “मैं उन्हें 30-40 सालों से जानता हूं… मुझे दुख है, लेकिन उम्मीद है कि वे स्वस्थ होंगे।” फिर भी, कई नेताओं को यह विश्वास नहीं हो रहा कि स्वास्थ्य ही एकमात्र कारण था, क्योंकि धनखड़ पूरे दिन संसद में सक्रिय थे।

अगला उपराष्ट्रपति: अटकलों का बाजार गर्म

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अगले उपराष्ट्रपति को लेकर चर्चाएं तेज हैं। संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव 60 दिनों के भीतर होना आवश्यक है, और तब तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति होंगे। कुछ X पोस्ट्स में योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार जैसे नामों का जिक्र है, लेकिन ये महज अटकलें हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक नाम घोषित नहीं किया है।

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कैसे बचें अटकलों से? सच्चाई की तलाश

धनखड़ का इस्तीफा एक पहेली बना हुआ है। स्वास्थ्य कारणों को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनकी हालिया मेडिकल हिस्ट्री इसकी पुष्टि करती है। लेकिन विपक्ष के आरोप, X पर चर्चाएं, और इस्तीफे की टाइमिंग सियासी दबाव की ओर इशारा करती हैं। मेरे अनुभव में, ऐसे मामलों में सच्चाई अक्सर आधिकारिक बयानों और गैर-आधिकारिक चर्चाओं के बीच कहीं छिपी होती है। पाठकों को सलाह है कि वे समाचारों को क्रॉस-चेक करें और X पर व्यक्तिगत राय को तथ्य के रूप में न लें।

निष्कर्ष: सवाल बाकी हैं

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा न केवल एक व्यक्तिगत निर्णय है, बल्कि यह भारत की सियासत में एक बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है। क्या यह स्वास्थ्य था, सियासी दबाव था, या दोनों का मिश्रण? सच्चाई सामने आने में समय लगेगा। तब तक, यह घटना हमें याद दिलाती है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जिम्मेदारियां और चुनौतियां कितनी जटिल हो सकती हैं। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय साझा करें!

संदर्भ:

  • आज तक: www.aajtak.in
  • न्यूज़18: hindi.news18.com
  • जागरण: www.jagran.com
  • BBC हिंदी: www.bbc.com
  • नवभारत टाइम्स: navbharattimes.indiatimes.com
  • इंडिया टीवी: www.indiatv.in
  • ज़ी न्यूज़: zeenews.india.com

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