15 सितंबर या 31 अक्टूबर? 2025 की ITR फाइलिंग समय सीमा जानें, वरना पछताएंगे!

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क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटी सी चूक आपकी मेहनत की कमाई को खतरे में डाल सकती है? इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की समय सीमा को नजरअंदाज करना न केवल आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है, बल्कि कानूनी परेशानियां भी ला सकता है। चाहे आप वेतनभोगी कर्मचारी हों, फ्रीलांसर हों, या कंपनी मालिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR फाइलिंग की समय सीमा आपके लिए अलग हो सकती है। अगर आप यह नहीं जानते कि आपकी अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है, 31 अक्टूबर 2025 है, या कोई और?

ITR फाइलिंग की समय सीमा: आपकी तारीख कौन सी?

आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग की प्रक्रिया को और सरल बनाने की कोशिश की है। इस साल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने गैर-ऑडिट करदाताओं के लिए समय सीमा को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है, ताकि करदाताओं को अतिरिक्त समय मिल सके। लेकिन यह तारीख सभी पर लागू नहीं होती। विभिन्न करदाता श्रेणियों के लिए समय सीमा इस प्रकार हैं:

  1. वेतनभोगी व्यक्ति, HUF, और गैर-ऑडिट करदाता
    अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के सदस्य हैं, या आपकी आय ऐसी है जिसके लिए ऑडिट की जरूरत नहीं है (उदाहरण के लिए, वेतन, पेंशन, या बचत खाते का ब्याज), तो आपकी ITR फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है। यह उन लोगों के लिए भी लागू होता है जिनके पास छोटे निवेश (जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट) या किराये की आय है।
  2. पेशेवर और व्यवसायी (ऑडिट की आवश्यकता वाले)
    स्व-नियोजित पेशेवर (जैसे डॉक्टर, वकील, फ्रीलांसर) और व्यवसायी, जिनके खातों का ऑडिट अनिवार्य है, उनके लिए ITR फाइल करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 है। यह उन लोगों पर लागू होता है जिनका वार्षिक कारोबार 1 करोड़ रुपये (व्यवसाय के लिए) या 50 लाख रुपये (पेशेवरों के लिए) से अधिक है।
  3. कंपनियां और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन वाले करदाता
    घरेलू कंपनियों, साझेदारी फर्मों, और उन करदाताओं के लिए जिन्हें आयकर अधिनियम की धारा 92E के तहत ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट जमा करनी होती है (जैसे अंतरराष्ट्रीय लेनदेन या विदेशी संपत्ति वाले), ITR फाइल करने की अंतिम तारीख 30 नवंबर 2025 है।
  4. विलंबित और संशोधित रिटर्न
    अगर आप अपनी समय सीमा चूक जाते हैं, तो आप 31 दिसंबर 2025 तक विलंबित (Belated) ITR फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, अगर आपने गलत जानकारी दी है, तो आप 31 मार्च 2027 तक संशोधित (Updated) रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन यह भी अतिरिक्त शुल्क के साथ आता है।
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समय सीमा चूकने की कीमत: जुर्माने का डर

ITR फाइल करने में देरी करना आपके लिए महंगा साबित हो सकता है। आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, देरी से फाइलिंग पर निम्नलिखित जुर्माने लागू हो सकते हैं:

  • 5 लाख रुपये से कम आय वाले: अधिकतम 1,000 रुपये का जुर्माना (धारा 234F)।
  • 5 लाख रुपये से अधिक आय वाले: 5,000 रुपये तक का जुर्माना।
  • ब्याज: अगर आपने टैक्स का भुगतान समय पर नहीं किया, तो धारा 234A के तहत 1% प्रति माह की दर से ब्याज देना होगा।
  • अन्य परिणाम: देरी से ITR फाइल करने पर आप कुछ टैक्स छूट (जैसे धारा 80C के तहत निवेश) और कारोबारी नुकसान को अगले साल में ले जाने की सुविधा खो सकते हैं।

मेरे अनुभव में, कई लोग समय सीमा को हल्के में लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है। उदाहरण के लिए, एक फ्रीलांसर मित्र ने पिछले साल ITR फाइल करने में देरी की और उन्हें 5,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ा, साथ ही टैक्स छूट का लाभ भी गंवाना पड़ा। इसलिए, समय पर फाइलिंग करना हमेशा बेहतर है।

ITR फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज

ITR फाइल करने से पहले सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखना महत्वपूर्ण है। मेरे अनुभव के आधार पर, दस्तावेज जुटाने में देरी अक्सर समय सीमा चूकने का कारण बनती है। निम्नलिखित दस्तावेजों की सूची देखें:

  • पैन कार्ड: ITR फाइल करने के लिए यह अनिवार्य है।
  • आधार कार्ड: आयकर विभाग ने आधार को पैन से लिंक करना अनिवार्य किया है।
  • फॉर्म 16: वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए, यह नियोक्ता द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसमें TDS की जानकारी होती है।
  • बैंक स्टेटमेंट और ब्याज प्रमाणपत्र: बचत खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट, या अन्य निवेशों से आय के लिए।
  • निवेश के प्रमाण: धारा 80C, 80D, आदि के तहत छूट के लिए LIC, PPF, मेडिक्लेम जैसे दस्तावेज।
  • व्यवसायी/पेशेवर के लिए: ऑडिट रिपोर्ट, बैलेंस शीट, और लाभ-हानि खाता।
  • विदेशी आय/संपत्ति: विदेशी खातों या संपत्ति की जानकारी (FA शेड्यूल के लिए)।
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समय पर ITR फाइल करने के टिप्स

  1. अग्रिम योजना बनाएं: अगस्त से ही अपने दस्तावेज इकट्ठा करना शुरू करें। आखिरी समय की जल्दबाजी से बचें।
  2. ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करें: आयकर विभाग का ई-फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) उपयोगकर्ता-अनुकूल है। आप अपने CA की मदद भी ले सकते हैं।
  3. TDS और आय की जांच करें: फॉर्म 26AS में अपनी TDS और आय की जानकारी को क्रॉस-चेक करें।
  4. सही ITR फॉर्म चुनें: वेतनभोगी के लिए ITR-1, व्यवसायियों के लिए ITR-3 या ITR-4, और कंपनियों के लिए ITR-6 उपयुक्त हो सकता है।
  5. पेशेवर सलाह लें: जटिल आय स्रोतों (जैसे पूंजीगत लाभ) के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें।

निष्कर्ष: समय रहते कदम उठाएं

ITR फाइल करना सिर्फ एक कानूनी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय अनुशासन का प्रतीक है। 15 सितंबर 2025, 31 अक्टूबर 2025, या 30 नवंबर 2025—आपकी समय सीमा जो भी हो, इसे नजरअंदाज न करें। एक छोटी सी लापरवाही आपको हजारों रुपये का जुर्माना और मानसिक तनाव दे सकती है। तो, आज ही अपने दस्तावेज तैयार करें, सही ITR फॉर्म चुनें, और समय पर रिटर्न फाइल करें।

क्या आपने अपनी ITR फाइलिंग की योजना बनाई है? अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो हमें बताएं। अपनी टिप्पणी साझा करें और इस लेख को उन दोस्तों तक पहुंचाएं जो इस जानकारी से लाभ उठा सकते हैं!

संदर्भ:

  • आयकर विभाग, भारत सरकार: www.incometax.gov.in
  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की आधिकारिक अधिसूचनाएं, 2025।
  • वित्तीय सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के साथ चर्चा।

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